Gold is shining but jewellers may not

सरकार ये कैसे तय करेगी कि कौन 6 / 12 करोड़ के टर्नओवर से ऊपर आता है और कौन नीचे आता है।

_अगर कोई दुकानदार ये स्वतः प्रमाणित करके दे कि वो 6 / 12 करोङ के दायरे में नहीं आता तो क्या सरकार उसे सभी जांच पड़ताल और क़ानूनी-कागजी कार्यवाई से मुक्ति दे देगी —-?

_क्या उनके लिए TIN नम्बर की अनिवार्यता नहीं होगी।।

_क्या उन्हें हर तीन महीने पर रिटर्न दाखिल करने से छुट्टी मिल जायेगी।

_क्योंकि देश में सभी नागरिकों का पैन कार्ड तो सरकार ने बनाया नहीं, ऐसे में अगर इस देश का कोई किसान या मजदूर अपनी बेटी की शादी में जिंदगी भर की बचत लेकर हमारे किसी ज्वैलर्स भाई के दुकान पर आता है और उसके पास पैन कार्ड नहीं है तो ऐसे में हमारे दुकानदार भाई क्या करेंगे।
क्या बोलेंगे कि _"जाओ पहले पैन कार्ड बनवाओ फिर बेटी की शादी का सामान लेना।"

_सरकार तो दिल्ली में बैठे कोई भी सर्कुलर निकाल सकती है लेकिन उस कानून की आड़ में देश के दूर दराज के क्षेत्रों में सरकारी मुलाजिम जो भय और भ्रष्टाचार फैलाते हैं उससे बचाव कैसे होगा—-?

_I.P.C. का सेक्शन 411/412 जो लूट हत्या और डकैती के लिए है इसका दुरुपयोग एक अदने से चोर को दूकान पर लाकर पुलिस प्रशासन स्वर्णकारों के खिलाफ कैसे हथियार की तरह इस्तेमाल करती है ये जग-जाहिर है।