नीतीश कुमार। दिल्ली नगर निगम का चुनाव है। दिल्ली के बाहरी और अंदरूनी इलाकों में जाने क ा मौका मिला।

नीतीश कुमार।
दिल्ली नगर निगम का चुनाव है। दिल्ली के बाहरी और अंदरूनी इलाकों में जाने का मौका मिला।

दिल्ली में सड़कों की हालत कॉलोनियों में खासकर देखकर तकलीफ होती है।
ये राजधानी है। ये गौरव का स्थान है।
ना सड़क ठीक है। ना ड्रेनेज ठीक है। ना सीवेज ठीक है।
कोई देखने वाला नही। सारा दोष इंतजाम को दे दिया जाता है।
10 से 12 कैंडिडेट को सिंबल नही मिल सका।

सभी पार्टियां अभी ताकत झोकने वाली है। सफाई का मुद्दा गौण हो जाएगा।

अरे उम्मीदवार बदलने से क्या होता है। जिस पार्टी का उम्मीदवार है उसका दोष भी है।
अगर कही किसी पार्टी की सरकार है तो सरकार के साथ पार्टी भी जिम्मेदार है।

काम से कम सफाई व्यवस्था तो होनी चाहिए। कॉलोनियों में 12 महीने लोगों को कीचड़ का सामना करना पड़ता है। ये कौन सी दिल्ली है।

स्मार्ट सिटी की बात करते हैं। काम से कम दिल्ली को तो स्मार्ट बना दीजिये।

बिहार का लोग प्रवासी नही यही का निवासी है।
ये दिल्ली में ही डटा हुआ है। कही जाने वाला नही।

बीते दिनों की बात पुरानी हो गई है। पहले बिहारियों को वोटर नही बनने देते थे। अब किसी की मजाल नही।

पहले लोग बिहारी कहलाने से बचते थे। 20 साल पहले और अब में काफी कुछ बदल गया है। सड़क, अस्पताल, दवाई, सफाई।
ट्रांसपोर्ट को लेकर सबसे कम दिक्कत बिहार में है।

हमने कोई टीवी रेडियो और अखबार में प्रचार करके काम नही किया। 50 फीसदी महिला को स्थानीय निकाय में आरक्षण दिया। जिसके बाद करीब सवा लाख महिलाएं स्थानीय निकाय में ही जाने लगी। लेकिन हमने कोई प्रचार नही किया। धीरे धीरे बात फैली।

5वी के बाद लड़कियां स्कूल छोड़ देती थी। हमने पोशाक योजना शुरू की। फिर साईकल योजना चलाई। समाज के सोच में बदलाव आ गया। मानसिकता बदली। यही तो सामाजिक परिवर्तन है। लेकिन हमने कोई प्रचार नही किया।

बिहार से निकल कर बात बाहर आई। तो बिहार के बाहर रहने वालों का भी मनोबल ब��
कुछ लोग शराब पीने को अधिकार से जोड़ते हैं।
लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि ये कोई मौलिक अधिकार नही है।
अब पूर्ण नशाबंदी की मांग चल रही है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है। दिल्ली में भी शराबबंदी लागू होनी चाहिए। यहां तो आम आदमी के नाम से ही सरकार है। कुछ देखना हो तो बिहार जाकर देख लो।

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।
वो सरकार ही क्या जिसके पास कोई फैसला लेने का अधिकार ना हो।

अपराध के ग्राफ में दिल्ली पहले नंबर पर है। बिहार 22वे नंबर पर। किसके हाथ मे सुरक्षा है। दिल्ली पुलिस किसके पास है।

अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करे सरकार। केंद्र का काम केंद्र करे, दिल्ली सरकार का काम दिल्ली सरकार करे और निगम का काम उसे करने दो।

बिहार जो पिछड़ा राज्य है वहां शौचालय, घर घर मे पानी और सफाई कर सकती है, तो दिल्ली में पैसों की तो कोई कमी नही है।

जो बोलो सोच समझ कर बोलो, और जो बोलो उसे निभाओ।

सड़क के किनारे शराब दुकान बंद करने की बात चली तो अब उसे शहर में घुसा रहे हैं। अगर कही ऐसा हो रहा है तो उसका डटकर विरोध कीजिये।
अब पूरे देश मे शराबबंदी होनी चाहिए।