‘फुकरे रिटर्न्स’ मूवी रिव्यू: उम्मीद पर नहीं ‘जुगाड़’ पर दुनिया कायम है

कुछ फिल्मों को देखने का अलग ही मजा होता है बस इन्हें देखने के लिए ज्यादा दिमाग न लगाए, हंसी और ठहाकों के साथ इन्हें देखते जाइए. ऐसी ही फिल्म है ‘फुकरे रिटर्न्स’ जो कि साल 2013 में रिलीज हुई फिल्म ‘फुकरे’ का सिक्वल है. सेम डायरेक्टर व एक्टर के साथ रिलीज हुई ये कॉमेडी फिल्म एक बार फिर दर्शकों को हंसाते-हंसाते लोटपोट कर देगी.

कहानी- फिल्म की कहानी फुकरा गैंग यानी हन्नी (पुलकित सम्राट), ज़फर (अली फज़ल), चूचा (वरुण शर्मा) और लाली (मनजोत सिंह) पर बेस्ड है. जिनमें से हनी और लाली के खर्चे चूचा के यूनिक सपनों के जुगाड़ से चलते हैं. इस बीच एक दिन अचानक चूचा को एक सांप डस लेता है जिसकी वजह से वह भविष्य देखने लगता है. वहीं दूसरी तरफ इन चारों की वजह से भोली पंजाबन (ऋचा चड्डा) जेल में चक्की पीस रही होती है. वो जेल से बाहर आने और इनसे अपने डूबे हुए पैसे निकालने के लिए तड़प रही है. तमाम कोशिशों के बाद भोली जेल से बाहर निकलती है. फिर शुरू होता है इन चारों की जिन्दगी में उथल-पुथल, शुरू होता है चारों से पैसे की वसूली. जिसके लिए एक बार फिर ये तीनों चूचे के अजीबोगरीब सपने पर डिपेंड होते हैं ताकी लाटरी में जीते हुए पैसे से वह भोली के पैसे चुका सके. लेकिन इस बार चूचा का यूनिक सपना काम नहीं आता, दाव उल्टा पड़ जाता है और ये चारों और भी बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं. वैसे भोली के अलावा कोई और भी है जो इनसे अपना पुराना बदला लेना चाहता है कौन है वो शख्स और वो इन फुकरों से क्या चाहता है? क्या हर बार की तरह चूचे के यूनिक सपने की वजह से ये मालामाल होंगे? और क्या ये भोली के पैसे चुका पाएंगे? इन सभी सवालों के जवाब पाने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.

डायरेक्शन- मृगदीप सिंह लाम्बा के डायरेक्शन में बनी ये फिल्म एक बेहतरीन कॉमेडी मूवी है. फिल्म के डायलॉग्स इतने जबरदस्त हैं कि दर्शक खुद को हंसने से रोक नहीं पाएंगे. कैमरा वर्क भी ठीक ठाक है. लेकिन अगर कहानी के बारे में बात करे तो इसे और भी बेहतर किया जा सकता था.

एक्टिंग- एक बार फिर चारों फुकरों ने बेहद सिम्पल कहानी होने के बावजूद फिल्म में जान डाल दी. खासकर वरुण शर्मा ने पूरी फिल्म में अपने मजेदार डायलॉग्स और एक्टिंग से लोगों को पूरी तरह से एंटरटेन किया. वहीं ऋचा चड्ढा ने ये साबित कर दिया कि वो एक बेहतरीन एक्ट्रेस हैं जो किसी भी किरदार में बिल्कुल फिट बैठ सकती हैं.

म्यूजिक- फिल्म का म्यूजिक कहानी के लिहाज से एकदम ठीक है. ‘तू मेरा भाई नहीं है’ आपको बेहद पसंद आएगा. बाकी गाने भी कहानी के साथ-साथ चलते हैं.