फिल्मोद्योग आज ‘सब्जी मंडी’ जैसा हो गया है : धर्मेद्र

दिग्गज अभिनेता धर्मेद्र का मानना है कि आजकल फिल्म उद्योग ‘सब्जी मंडी’ बन गया है, और वर्तमान परि²श्य में कलाकार पैसों के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. ‘आजतक एजेंडा’ पर शुक्रवार को अभिनेता ने वर्तमान फिल्म उद्योग के बारे में बातचीत की.

अभिनेता (82) ने कहा कि आज की फिल्म की दुनिया उनके युग से अलग है, क्योंकि आज कलाकार पैसों के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं.

धर्मेद्र ने कहा, “आज यह उद्योग ‘सब्जी मंडी’ बन गया है, जहां आप सब्जियां बेचते हैं, खरीदते हैं और सौदेबाजी करते हैं. आज कलाकार पैसों के लिए कहीं भी नाच रहे हैं और कहीं भी गा रहे हैं. जहां कहीं भी पैसा है, वहां जा रहे हैं, तेल मालिश भी कर रहे हैं. पैसे के लिए कुछ भी. आज पैसा सबकुछ है, हमारे समय में ऐसा नहीं था.”

वह अपने करियर में 300 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं. उन्हें ‘फूल और पत्थर’, ‘शोले’, ‘यादों की बारात’, ‘मेरा गांव मेरा देश’ और ‘चुपके चुपके’ जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है.

वह नूतन, मीना कुमारी, देव आनंद, हेमा मालिनी, अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, अमजद खान, जितेंद्र, जया बच्चन, शर्मिला टैगोर, ओम प्रकाश, राखी सहित फिल्म उद्योग के कई बड़े दिग्गजों के साथ काम कर चुके हैं.