‘पद्मावती’ की तरह ‘मुजफ्फरनगर-द-बर्निंग लव’ पर बवाल, सेंसर से पास होने के बावजूद सिनेमाघरों ने रिलीज करने से किया इनकार

फिल्म ‘पद्मावती’ की तरह ही ‘मुजफ्फरनगर-द-बर्निंग लव’ की रिलीज में परेशानी सामने आ रही है. दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि ‘पद्मावती’ का रिलीज से पहले बवाल है और ‘मुजफ्फरनगर-द-बर्निंग लव’ सेंसर बोर्ड से पास होने के बाद भी वेस्ट यूपी सिनेमाघरों में रिलीज होने का इंतजार कर रही है. फिल्म की स्टारकास्ट ने सोमवार को अपना दर्द मीडिया के सामने रखा. फिल्म के निर्देशक हरीश कुमार ने कहा, हमने सेंसर बोर्ड के सारे नियम-कानून को ध्यान में रखकर फिल्म बनाई. वहां से फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट देकर पास कर दिया गया. किसी को कोई आपत्ति नहीं हुई. यूपी और कई जगह पर फिल्म शांतिपूर्वक रिलीज भी हो गई. लेकिन वेस्ट यूपी में कई सिनेमाघरों के मालिको ने इसे रिलीज करने से मना कर दिया. कारण पूछे जाने पर बताया जा रहा है कि उनके पास प्रशासन की तरफ से आर्डर है ‘मुजफ्फरनगर-द-बर्निंग लव’ से कानून व्यवस्था खराब हो सकती है. चुनाव का समय है इसलिए फिल्म को दिखाने का रिस्क नहीं लिया जा सकता है.

विरोध का कोई ठोस कारण प्रशासन के पास नहीं

फिल्म के निर्माता हरीश कुमार ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कोई भी सिनेमाघर इस फिल्म को नहीं दिखाना चाहता है. मेरठ, आगरा, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, सहारनपुर, सभी जगह हमने बात की. हमने डीएम जीएस प्रियदर्शनी को यह फिल्म देखने का आग्रह किया था कि इसमें कुछ भी विवादित नहीं है. इसके बावजूद हमारी नहीं सुनी गई. किसी भी फिल्म के रिलीज का प्लान एक महीने पहले से ही शुरू हो जाता है. हमने फिल्म का अच्छे ढंग से प्रमोशन किया. सबको पता था कि 2013 पर मुजफ्फर नगर में हुए दंगों पर फिल्म बनी है और फिल्म भाईचारे पर आधारित है. फिल्म में लोगों को दंगे के लिए उकसाने वाला कोई भी कंटेंट नहीं है. बावजूद इसके फिल्म पर रोक लगाने की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है